यदि लग्न के स्वामी अर्थात लग्नेश यदि द्वादश/बाहरवें भाव में जाकर बैठ जाऐ तो ऐसा व्यक्तियों के शत्रु बहुत अधिक होते हैं साथ ही ऐसे व्यक्तियों पर झूठा आरोप अवश्य ही लगता है, तथा ऐसे व्यक्तियों के मन में आत्महत्या के विचार भी आते रहते हैं।
यदि लग्न के स्वामी अर्थात लग्नेश यदि द्वादश/बाहरवें भाव में जाकर बैठ जाऐ तो ऐसा व्यक्तियों के शत्रु बहुत अधिक होते हैं साथ ही ऐसे व्यक्तियों पर झूठा आरोप अवश्य ही लगता है, तथा ऐसे व्यक्तियों के मन में आत्महत्या के विचार भी आते रहते हैं।