शारदीय नवरात्रि के दौरान माता के इन पांच मंदिरों का दर्शन करने जरुर जाएं

नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक माता दुर्गा के भक्तों के द्वारा उनके नौ रुपों की पूजा की जाती है। इस दौरान कई भक्त नौ दिनों का व्रत रखते हैं और माता से सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। नवरात्रि के दौरान माता के मंदिरों में भी भक्तों की भीड़ उमड़ती है। भक्तों के द्वारा नवरात्रि के दौरान मंदिरों में कीर्तन भजन किये जाते हैं। आज हम ऐसे ही कुछ मंदिरों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जहां नवरात्रि के दौरान आपको जाना चाहिये।

श्री महालक्ष्मी मंदिर

हिंदू धर्म के 6 मुख्य शक्ति पीठों में शामिल महालक्ष्मी मंदिर भारत के महाराष्ट्र राज्य के कोल्हापुर में स्थित है। महालक्ष्मी के इस मंदिर को पुराणों में भी शक्ति पीठ के रुप में उल्लेखित किया गया है। माना जाता है कि माँं महालक्ष्मी इस शक्ति पीठ में विराजमान होकर अपने भक्तों का कल्याण करती हैं। नवरात्र के दौरान माता महालक्ष्मी के इस मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है। नवरात्रि के समय भारत के कोने-कोने से यहां लोग पहुंचते हैं और माता की पूजा अर्चना करते हैं। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि भगवान सूर्य हर साल दो बार माता महालक्ष्मी की पूजा करने यहां पहुंचते हैं।

नैना देवी मंदिर

उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र के नैनीताल नगर में माता नैना देवी का मंदिर स्थित है। नैनीताल में आने वाले पर्यटक माता नैना देवी के दर्शन भी अवश्य करते हैं। वैसे तो इस मंदिर में पूरे वर्ष भर भक्त आते हैं लेकिन नवरात्र के दौरान बड़ी संख्या में यहां भक्त उमड़ते हैं। ऐसा माना जाता है कि जब भगवान शिव देवी सती की मृत देह को लेकर कैलाश पर्वत जा रहे थे तो नैनी झील में देवी सती के नेत्र गिरे थे। जिसके बाद नैनी झील के किनारे नैना देवी के मंदिर की स्थापना हुई। नैना देवी का मंदिर भी भारत के शक्ति पीठों में शामिल है।

कामाख्या मंदिर

कामाख्या मंदिर भारत के सभी शक्ति पीठों में सबसे प्रसिद्ध है। यह मंदिर भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य असम में स्थित है। माना जाता है कि इस स्थान पर माता सती का योनि भाग गिरा था। माता शक्ति का यह मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है। मुख्य रुप से इस मंदिर को तंत्र साधना के मुख्य स्थल के रुप में देखा जाता है। नवरात्रि के मौके पर इस मंदिर में भी भक्त आते हैं और माता की पूजा अर्चना करते हैं।

दक्षिणेश्वर काली मंदिर

कोलकाता के बैरकपुर में दक्षिणेश्वर काली मंदिर स्थित है। इस मंदिर की मुख्य देवी माता भवतारिणी को माना जाता है। माता भवतारिणी, काली माता का ही एक रुप हैं। दक्षिणेश्वर मंदिर पश्चिम बंगाल के मुख्य मंदिरों में से एक है। इस मंदिर को विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस की कर्म स्थली के रुप में भी जाना जाता है। बंगाल में नवरात्रि के आखिरी 6 दिनों में दुर्गा पूजा का पर्व मनाया जाता है। इस दौरान दक्षिणेश्वर में भी भक्त आते हैं और माता की पूजा करते हैं। भारत के अन्य राज्यों से भी इस दौरान भक्त दक्षिणेश्वर पहुंचते हैं।

दुर्गा मंदिर

माता दुर्गा का यह मंदिर रामनगर उत्तर प्रदेश में स्थित है। यह मंदिर अपनी आकर्षक वास्तुकला के लिये भी जाना जाता है। इस मंदिर की इमारत लाल रंग से बनी हुई है। मान्यता है कि इस मंदिर में माता की जो मूर्ति स्थापित है उसे मनुष्यों द्वारा नहीं बनाया गया बल्कि यह मूर्ति स्वयं यहां प्रकट हुई थी। नवरात्रि के दौरान माता की पूजा करने के लिये यहां बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। कहा जाता है कि यह मंदिर बंगाल की एक महारानी द्वारा बनाया गया था।

अगर आप भी माता के भक्त हैं और उनका आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो। नवरात्रि के दौरान इन मंदिरों में माता के दर्शन करने अवश्य जायें। आपकी सारी मनाकामनाएं पूर्ण होंगी।

-: अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें :-
Ratnakar Jyotish Sansthan
Flat No 102, Vigyan Khand,
Gomati Nagar, Near Rajat Petrol Pump
Lucknow 226010 Uttar Pardesh.
+91 70525 89999
info@rjyotishi.com
Download Android App
सम्पर्क सूत्र

Leave A Comment