कल मनाई जाएगी हरियाली तीज, जानें शुभ मुहूर्त, मंत्र, पूजा विधि एवं महत्व
हरियाली तीज का उत्सव श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है और वर्ष, 2019 में यह पावन पर्व 03 अगस्त, शनिवार को देशभर में मनाया जाएगा। हिन्दू धर्म के अनुसार श्रावण मास भगवान शिव को बेहद प्रिय होता है,
शुभ मुहूर्त
अगस्त 3, 2019 को 01:37:23 से तृतीया आरम्भ
अगस्त 3, 2019 को 22:06:45 पर तृतीया समाप्त
जिस प्रकार हर कार्य के सर्वश्रेष्ठ फल पाने के लिए उसे एक नियमित समय पर करना अनिवार्य होता है। ठीक उसी प्रकार हरियाली तीज की पूजा और इसके व्रत को करने के लिए भी इसका शुभ मुहूर्त निर्धारित किया जाता है। इस वर्ष 2019 में हरियाली तीज की पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर के बाद का है। 03 अगस्त, शनिवार को दोपहर में 01:37 से रात 10:06 बजे तक आप भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना कर सकते हैं। इस समय विशेष तौर से पूजा-आराधना करने से आपको शुभाशुभ फलों की प्राप्ति होगी।
हरियाली तीज का पूजा मंत्र
हरियाली तीज की पूजा-आराधना के लिए कुछ विशेष मन्त्रों का उल्लेख किया गया है। आइये जानते हैं तीज का सबसे पवित्र पूजन मंत्र के बारे में :-
“देहि सौभाग्य आरोग्यं देहि मे परमं सुखम्। पुत्रान देहि सौभाग्यम देहि सर्व।।
कामांश्च देहि मे। रुपम देहि जयम देहि यशो देहि द्विषो जहि।।”
कजरी तीज की सही पूजा विधि
शास्त्रों में उल्लेख है कि दीर्घ एवं सुखी दाम्पत्य जीवन की भावना के लिए इस पर्व का विशेष महत्व होता है। इस दिन इसकी पूजा विधि के दौरान हमे कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए, जैसे:-
- इस दिन विवाहिक महिलाएँ अपने दांपत्य जीवन को सुखी बनाने के लिए स्वर्ण गौरी माता पार्वती को सभी प्रमुख सुहाग की सामग्री (कुमकुम, सिंदूर, लिपस्टिक्स, चूड़ियाँ, आदि) अर्पित कर उनकी विधिवत पूजा करती हैं तथा उनसे अखण्ड सौभाग्य-सन्तति प्राप्ति की कामना करती हैं।
- माता पार्वती को मुख्य रूप से 16 श्रृंगार की वस्तुएँ चढ़ाई जाती हैं।
- इसके अलावा इस दिन महिलाएं भगवान शिव को भी भांग, धतूरा, अक्षत्, बेल पत्र, श्वेत फूल, गंध, धूप आदि अर्पित कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करती हैं।
- इस दिन व्रती महिलाओं को क्रोध नहीं करना चाहिए तथा भगवान शिव और माता गौरी के प्रति अपने मन में केवल आराधना का भाव रखना चाहिए।
- इस पर्व पर सुहागिन महिलाएं अपने मायके से आए हुए वस्त्र को यदि पहनती हैं, तो ये शुभ माना जाता है।
- इस दिन विशेष तौर से पति अपनी पत्नी को झूला झुलाते हैं।
- इस दिन अलग-अलग प्रकार के पकवान बनाए और दूसरों को बाटें जाने का विधान है।