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फलादेश कैसे करते है
– जो ग्रह अपनी उच्च, अपनी या अपने मित्र ग्रह की राशि में हो – शुभ फलदायक होगा।
– इसके विपरीत नीच राशि में या अपने शत्रु की राशि में ग्रह अशुभफल दायक होगा।
– जो ग्रह अपनी राशि पर दृष्टि डालता है, वह शुभ फल देता है।
-त्रिकोण के स्वामी सदा शुभ फल देते हैं।
– क्रूर भावों (3, 6, 11) के स्वामी सदा अशुभ फल देते हैं।
– दुष्ट स्थानों (6, 8, 12) में ग्रह अशुभ फल देते हैं।
– शुभ ग्रह केन्द्र (1, 4, 7, 10) में शुभफल देते हैं, पाप ग्रह केन्द्र में अशुभ फल देते हैं।
-बुध, राहु और केतु जिस ग्रह के साथ होते हैं, वैसा ही फल देते हैं।
– सूर्य के निकट ग्रह अस्त हो जाते हैं और अशुभ फल देते हैं।
सूर्य के उपाय
आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करे 3 बार सूर्य के सामने
ॐ घृणी सूर्याय नमः का कम से कम 108 बार जप कर ले
गायत्री का जप कर ले
घर की पूर्व दिशा से रौशनी आयेगी तो अच्छा रहेगा ।
घर में तुलसी का पौधा जरूर लगा दे
पिता की सेवा
शराब और मांसाहार न खिलाये
शिवजी ,पीपल के उपाय।
नोट – ज्योतिषि को अपनी कुंडली दिखाइए।